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Tuesday 5 May 2015

हे दयालु नेता-अल्हड़ बीकानेरी

तुम्हीं हो भाषण, तुम्हीं हो ताली
दया करो हे दयालु नेता
तुम्हीं हो बैंगन, तुम्हीं हो थाली
दया करो हे दयालु नेता

तुम्हीं पुलिस हो, तुम्हीं हो डाकू
तुम्हीं हो ख़ंजर, तुम्हीं हो चाकू
तुम्हीं हो गोली, तुम्हीं दुनाली
दया करो हे दयालु नेता

तुम्हीं हो इंजन, तुम्हीं हो गाड़ी
तुम्हीं अगाड़ी, तुम्हीं पिछाड़ी
तुम्हीं हो ‘बोगी’ की ‘बर्थ’ खाली
दया करो हे दयालु नेता

तुम्हीं हो चम्मच, तुम्हीं हो चीनी
तुम्हीं ने होठों से चाय छीनी
पिला दो हमको ज़हर की प्याली
दया करो हे दयालु नेता

तुम्हीं ललितपुर, तुम्हीं हो झाँसी
तुम्हीं हो पलवल, तुम्हीं हो हाँसी
तुम्हीं हो कुल्लू, तुम्हीं मनाली
दया करो हे दयालु नेता

तुम्हीं बाढ़ हो, तुम्हीं हो सूखा
तुम्हीं हो हलधर, तुम्हीं बिजूका
तुम्हीं हो ट्रैक्टर, तुम्हीं हो ट्राली
दया करो हे दयालु नेता

तुम्हीं दलबदलुओं के हो बप्पा
तुम्हीं भजन हो तुम्हीं हो टप्पा
सकल भजन-मण्डली बुला ली
दया करो हे दयालु नेता

पिटे तो तुम हो, उदास हम हैं
तुम्हारी दाढ़ी के दास हम हैं
कभी रखा ली, कभी मुंड़ा ली
दया करो हे दयालु नेता

कुत्ते तभी भौंकते हैं-अल्हड़ बीकानेरी

रामू जेठ बहू से बोले, मत हो बेटी बोर
कुत्ते तभी भौंकते हैं जब दिखें गली में चोर


वफ़ादार होते हैं कुत्ते, नर हैं नमक हराम
मिली जिसे कुत्ते की उपमा, चमका उसका नाम

दिल्ली क्या, पूरी दुनिया में मचा हुआ है शोर

हैं कुत्ते की दुम जैसे ही, टेढ़े सभी सवाल
जो जबाव दे सके, कौन है वह माई का लाल
देख रहे टकटकी लगा, सब स्वीडन की ओर


प्रजातंत्र का प्रहरी कुत्ता, करता नहीं शिकार
रूखा-सूखा टुकड़ा खाकर लेटे पाँव पसार
बँगलों के बुलडॉग यहाँ सब देखे आदमख़ोर


कुत्ते के बजाय कुरते का बैरी, यह नाचीज़
मुहावरों के मर्मज्ञों को, इतनी नहीं तमीज़
पढ़ने को नित नई पोथियाँ, रहे ढोर के ढोर


दिल्ली के कुछ लोगों पर था चोरी का आरोप
खोजी कुत्ता लगा सूँघने अचकन पगड़ी टोप
जकड़ लिया कुत्ते ने मंत्री की धोती का छोर


तो शामी केंचुआ कह उठा, ‘हूँ अजगर’ का बाप
ऐसी पटकी दी पिल्ले ने, चित्त हुआ चुपचाप
साँपों का कर चुके सफाया हरियाणा के मोर।

मुझको सरकार बनाने दो-अल्हड़ बीकानेरी

जो बुढ्ढे खूसट नेता हैं, उनको खड्डे में जाने दो।
बस एक बार, बस एक बार मुझको सरकार बनाने दो।

मेरे भाषण के डंडे से
भागेगा भूत गरीबी का।
मेरे वक्तव्य सुनें तो झगडा
मिटे मियां और बीवी का।

मेरे आश्वासन के टानिक का
एक डोज़ मिल जाए अगर,
चंदगी राम को करे चित्त
पेशेंट पुरानी टी बी का।

मरियल सी जनता को मीठे, वादों का जूस पिलाने दो,
बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो।

जो कत्ल किसी का कर देगा
मैं उसको बरी करा दूँगा,
हर घिसी पिटी हीरोइन कि
प्लास्टिक सर्जरी करा दूँगा;

लडके लडकी और लैक्चरार
सब फिल्मी गाने गाएंगे,
हर कालेज में सब्जैक्ट फिल्म
का कंपल्सरी करा दूँगा।

हिस्ट्री और बीज गणित जैसे विषयों पर बैन लगाने दो,
बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो।

जो बिल्कुल फक्कड हैं, उनको
राशन उधार तुलवा दूँगा,
जो लोग पियक्कड हैं, उनके
घर में ठेके खुलवा दूँगा;

सरकारी अस्पताल में जिस
रोगी को मिल न सका बिस्तर,
घर उसकी नब्ज़ छूटते ही
मैं एंबुलैंस भिजवा दूँगा।

मैं जन-सेवक हूँ, मुझको भी, थोडा सा पुण्य कमाने दो,
बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो।

श्रोता आपस में मरें कटें
कवियों में फूट नहीं होगी,
कवि सम्मेलन में कभी, किसी
की कविता हूट नहीं होगी;

कवि के प्रत्येक शब्द पर जो
तालियाँ न खुलकर बजा सकें,
ऐसे मनहूसों को, कविता
सुनने की छूट नहीं होगी।

कवि की हूटिंग करने वालों पर, हूटिंग टैक्स लगाने दो,
बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो।

ठग और मुनाफाखोरों की
घेराबंदी करवा दूँगा,
सोना तुरंत गिर जाएगा
चाँदी मंदी करवा दूँगा;

मैं पल भर में सुलझा दूँगा
परिवार नियोजन का पचडा,
शादी से पहले हर दूल्हे
की नसबंदी करवा दूँगा।

होकर बेधडक मनाएंगे फिर हनीमून दीवाने दो,
बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो।
बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो।