मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


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Thursday, 22 June 2017

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए

निदा फाज़ली

Thursday, 15 June 2017

यक़ीन चाँद पे सूरज में ए'तिबार भी रख

यक़ीन चाँद पे सूरज में ए'तिबार भी रख
मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख

निदा फ़ाज़ली

Tuesday, 13 June 2017

छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार

छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार
आँखों भर आकाश है बाहों भर संसार

निदा फाज़ली

Saturday, 25 April 2015

निदा फाज़ली-गरज-बरस

गरज-बरस प्यासी धरती पर
फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने, बच्चों को
गुड़धानी दे मौला

दो और दो का जोड़ हमेशा
चार कहाँ होता है
सोच-समझवालों को थोड़ी
नादानी दे मौला

फिर रौशन कर ज़हर का प्याला
चमका नयी सलीबें
झूठों की दुनिया में सच को
ताबानी दे मौला

फिर मूरत से बाहर आकर
चारों ओर बिखर जा
फिर मन्दिर को को‌ई मीरा
दीवानी दे मौला

तेरे होते को‌ई किसी की
जान का दुश्मन क्यों हो
जीनेवालों को मरने की
आसानी दे मौला