मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Showing posts with label दाग़ देहलवी. Show all posts
Showing posts with label दाग़ देहलवी. Show all posts

Saturday 20 June 2015

लुत्फ़ आराम का नहीं मिलता-दाग देहलवी

लुल्फ़ आराम का नहीं मिलता,
आदमी काम का नहीं मिलता।

उसने जब शाम का किया वादा,
फिर पता शाम का नहीं मिलता।

चर्ख पर जाके अर्ज-ए-हाल करूँ,
रास्ता उस बाम का नहीं मिलता।

ज़र्फ़-ए-बे-मिसाल है दिल-ए-पुर-ख़ून,
जोड़ इस जाम का नहीं मिलता।

दाग की जिद से है तलाश ,
उन्हें कोई इस नाम का नहीं मिलता।

दाग देहलवी

Wednesday 6 May 2015

ये जो है हुक़्म मेरे पास न आए कोई-दाग़ देहलवी

ये जो है हुक़्म मेरे पास न आए कोई
इसलिए रूठ रहे हैं कि मनाए कोई

ये न पूछो कि ग़मे-हिज्र में कैसी गुज़री 
दिल दिखाने का हो तो दिखाए कोई

हो चुका ऐश का जलसा तो मुझे ख़त पहुँचा
आपकी तरह से मेहमान बुलाए कोई

तर्के-बेदाद की तुम दाद न पाओ मुझसे
करके एहसान ,न एहसान जताए कोई

क्यों वो मय-दाख़िले-दावत ही नहीं ऐ वाइज़
मेहरबानी से बुलाकर जो पिलाए कोई

सर्द -मेहरी से ज़माने के हुआ है दिल सर्द
रखकर इस चीज़ को क्या आग लगाए कोई

आपने दाग़ को मुँह भी न लगाया, अफ़सोस
उसको रखता था कलेजे से लगाए कोई