मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


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Saturday 25 April 2015

शेरजंग गर्ग-देश

ग्राम, नगर या कुछ लोगों का काम नहीं होता है देश
संसद, सड़कों, आयोगों का नाम नहीं होता है देश

देश नहीं होता है केवल सीमाओं से घिरा मकान
देश नहीं होता है कोई सजी हुई ऊँची दूकान

देश नहीं क्लब जिसमें बैठ करते रहें सदा हम मौज
देश नहीं केवल बंदूकें, देश नहीं होता है फौज

जहाँ प्रेम के दीपक जलते वहीं हुआ करता है देश
जहाँ इरादे नहीं बदलते वहीं हुआ करता है देश

सज्जन सीना ताने चलते वहीं हुआ करता है देश
हर दिल में अरमान मचलते वहीं हुआ करता है देश

वही होता जो सचमुच आगे बढ़ता क़दम-क़दम
धर्म, जाति, भाषाएँ जिसका ऊँचा रखती हैं परचम

पहले हम खुद को पहचाने फिर पहचानें अपना देश
एक दमकता सत्य बनेगा, नहीं रहेगा सपना देश