मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


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Sunday 3 May 2015

कुमार विश्‍वास-मैं भाव सूची उन भावों की

में भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले
तन्‍हाई हूं हर उस खत की, जो पढा गया है बिन खोले
हर आंसू को हर पत्‍थर तक पहुंचाने की लाचार हूक,
में सहज अर्थ उन शब्‍दों का जो सुने गये हैं बिन बोले
जो कभी नहीं बरसा खुलकर हर उस बादल का पानी हूं
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की रामकहानी हूं

जिनके सपनों के ताजमहल, बनने से पहले टूट गये
जिन हाथों में दो हाथ कभी आने से पहले छूट गये
धरती पर जिनके खोने और पाने की अजब कहानी है
किस्‍मत की देवी मान गयी पर प्रणय देवता रूठ गये
मैं मैली चादर वाले उस कबिरा की अम़तवाणी हूं
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की रामकहानी हूं

कुछ कहते हैं में सीखा हूं अपने जख्‍मों को खुद सींकर
कुछ जान गये में हंसता हूं भीतर भीतर आंसू पीकर
कुछ कहते हैं में हूं बिरोध से उपजी एक खुददार विजय
कुछ कहते में रचता हूं खुद में मरकर खुद में जीकर
लेकिन हर चतुराई की सोची समझी नादानी हूं
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की रामकहानी हूं

मैं भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले

मिले हर जख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया-कुमार विश्‍वास

मिले हर जख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया

मिले हर जख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया
अमरता चाहते थे पर जहर पीना नहीं आया
तुम्हारी और मेरी दास्तां में फर्क इतना है
मुझे मरना नहीं आया तुम्हें जीना नहीं आया

वहुत विखरा बहुत टूटा थपेड़े सह नहीं पाया
हवाओं के इशारों पर मगर में बह नहीं पाया
अधूरा अनसुना ही रह गया पर प्यार का किस्सा
कभी तुम सुन नहीं पाई कभी में कह नहीं पाया

तुम्हारा ख्वाव जैसे गम को अपनाने से डरता है
हमारी आंख का आंसू खुशी पाने से डरता है
अजब है लत्फ ए गम भी जो मेरा दिल अभी कल तक
तेरे जाने से डरता था कि अब आने से डरता है

कुछ छोटे सपनों के बदले-कुमार विश्वास

कुछ छोटे सपनों के बदले,
बड़ी नींद का सौदा करने,
निकल पड़े हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे

वही प्यास के अनगढ़ मोती,
वही धूप की सुर्ख कहानी,
वही आंख में घुटकर मरती,
आंसू की खुददार जवानी,
हर मोहरे की मूक विवशता, चौसर के खाने क्या जाने
हार जीत तय करती है, वे आज कौन से घर ठहरेंगे
निकल पड़े हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे

कुछ पलकों में बंद चांदनी,
कुछ होंठों में कैद तराने,
मंजिल के गुमनाम भरोसे,
सपनों के लाचार बहाने,
जिनकी जिद के आगे सूरज, मोरपंख से छाया मांगे
उन के भी दुर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगे
निकल पड़े हैं पांव अभागे, जाने कौन डगर ठहरेंगे

उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती-कुमार विश्वास

उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती
हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती

शायरी को नज़र नहीं मिलती
मुझको तू ही अगर नहीं मिलती

रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया
ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती

लोग कहते हैं रूह बिकती है
मैं जहाँ हूँ उधर नहीं मिलती

सूरज पर प्रतिबंध अनेकों-कुमार विश्वास

सूरज पर प्रतिबंध अनेकों
सूरज पर प्रतिबंध अनेकों
और भरोसा रातों पर
नयन हमारे सीख रहे हैं
हॅसना झूठी बातों पर

हमने जीवन की चौसर पर
दॉव लगाए ऑसू वाले
कुछ लोगों ने हर पल, हर दिन
मौके देखे बदले पाले
हम शंकित सच पा अपने,
वे मुग्‍ध स्‍वयं की घातों पर
नयन हमारे सीख रहे हैं
हॅसना झूठी बातों पर

हम तक आकर लौट गई हैं
मौसम की बेशर्म क़पाऐं
हमने सेहरे के संग बॉधी
अपनी सब मासूम खताऐं
हमने कभी न रखा स्‍वयं को
अवसर के अनुपातों पर
नयन हमारे सीख रहे हैं
हॅंसना झूठी बातों पर

कुमार विश्‍वास

Thursday 16 April 2015

कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!

समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!

भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!!
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!!