जैसे सूरज में बसे, जग के सभी प्रकाश,
ईश्वर के अन्दर बसे, सब धर्ती, आकाश.
सब धर्ती, आकाश, उन्हें विवेक से जाना,
जिसने उन्हें बनाया, उसे नहीं पहचाना.
कह ज़ीरो कविराय, बुद्धि से ईश्वर पाना,
जैसे दीपक से सूरज की खोज कराना.
ईश्वर के अन्दर बसे, सब धर्ती, आकाश.
सब धर्ती, आकाश, उन्हें विवेक से जाना,
जिसने उन्हें बनाया, उसे नहीं पहचाना.
कह ज़ीरो कविराय, बुद्धि से ईश्वर पाना,
जैसे दीपक से सूरज की खोज कराना.