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Tuesday 5 May 2015

तोता एंड मैना-ओम प्रकाश 'आदित्य'

भारत में एक दिल्ली है, जहाँ क़ुतुब की बिल्ली है।
दिल्ली के कुछ हिस्से हैं, सबके अपने किस्से हैं।


एक पुरानी एक नई, दोनों सम्मुख देख गई।
कनाट प्लेस है एक यहाँ, चलते हैं दिलफेंक यहाँ।


ये गुलाब का लिली का, नई पुरानी दिल्ली का। 
सबसे सुन्दर हिस्सा है, उसी जगह का किस्सा है।


सांझ हुई दिन बीत गया, दिन हारा तम जीत गया। 
जवां दिलों के धड़कों पर, कनाट प्लेस की सड़कों पर।


परीओं का अवतरण हुआ, गन्धर्वों का हरण हुआ।
मन सपनों के महक उठे, तरुओं पर खग चहक उठे।


एक नीम के तरुवर पर, बैठे थे दो खग सुन्दर।
एक डाल पर मैना थी, मैना सूर्य उदयना थी।


स्वर्ण नीड़ में लेटी थी, ऊँचे घर की बेटी थी।
अंग्रेजी में गाती थी, हिंदी में शर्माती थी।


इंग्लिश उसकी अच्छी थी, किसी मेम की बच्ची थी।
उसी डाल पर तोता था, बैठा बैठा रोता था।


तोता भोला भाला था, नीली कंठी वाला था।
वो हिंदी में अच्छा था, निर्धन घर का बच्चा था।


मौसम कुछ कुछ सर्द हुआ, हमदर्दी का दर्द हुआ।
मैना बोली हाउ डू यू डू, तोता बोला व्याकुल हूँ।


उड़ कर ऊपर जाता हूँ, फिर नीचे आ जाता हूँ।
जब नीचे आ जाता हूँ , फिर ऊपर उड़ जाता हूँ।


कोई निश्चित पंथ नहीं, पथ का कोई अंत नहीं।
सपनों की जलती होली, मिस मैना हंस कर बोली।


मिस्टर तोते थिंकर हो, लगता है तुम किंकर हो।
ये भी सबा पुराना है, अब मॉडर्न जमाना है।


खेलो खाओ डांस करो,चांस मिले रोमांस करो।
रॉक-एन -रोल सीख लो तुम, दिल का बोल सीख लो तुम।


तोता बोला हे चपले, विरल जनम में हरि जप ले।
मैना बोली हे साधो, तुम हो मिट्टी के माधो।


बूढ़े होकर हरि जपना, जंगल में जाकर तपना।
तोता बोला गूढ़ गते, भज गोविंदम मूढ़ मते। 


मैना बोली यंग हो तुम, लेकिन दिल से तंग हो तुम।
इसी भाँत बातें करते, बातों की सरिता बहते।


दोनों का सम्पर्क हुआ, उसी गगन में अर्क हुआ।
कनाट प्लेस की सडको से, कुछ बेहूदी लड़कों से।


घबरा कर सकुचा कर वे, मन ही मन उकता कर वे।
उड़े इंडिया गेट गए, हरी घास पर लेट गए।


शीतल मंद सुवात चली, कम्पित करती गात चली।
रस की भीनी रात चली, और लव मैरिज की बात चली। 


मैना बोली यू लव मी? तोता बोला तू लव मी।
मैं ब्राह्मण का बेटा हूँ, अपने कुल में जेठा हूँ।


तू किस कुल की बाला है? किसने तुझको पाला है?
मैं हूँ अग्निहोत्रवता, क्या है तेरा गोत्र बता?


मैना ने महसूस किया, कुल को इंट्रोड्यूस किया।
मम्मी मेरी कोर्ट गयी, लेकर डाईवोर्स गयी।


भाग हमारे तले गए, डैडी मेरे चले गए।
डिग्री लेने लन्दन में, सेंट मिलाने चन्दन में। 


तोता बोला हे मीते, नूतन युग की नवनीते।
मेरा कुल तो कच्चा है, तेरा ही कुल अच्छा है।


हम गठबंधन जोड़ेंगे, हर बंधन को तोड़ेंगे।
कुसुम कली सी खिलना कल, आठ बजे फिर मिलना कल।


दूजे दिन का किस्सा है, लव का अंतिम हिस्सा है।
रख दिल पर पत्थर तोता, नैनों में जल भर तोता।


दो घंटे से खड़ा हुआ, एक डाल में पड़ा हुआ।
देख रहा था इधर उधर, हाय ये मैना गयी किधर।


तभी किसी का कोमल सर, आ टिका तोते के कंधे पर।
ओ माई डीयर आई हैव कम, तोता बोला ओ निर्मम।


तेरी प्रणय प्रतीक्षा में, बैठ स्कूटर रिक्शा में।
सब सड़कों का भ्रमण किया, दोपहरी तक रमण किया।


कहीं न तेरे चिन्ह मिले, सब चौराहे खिन्न मिले।
मुझसे दंभ किया तूने, बहुत विलम्ब किया तूने।


मैना हँस के ख़ुदक गई, दो फुट पीछे फुदक गयी।
कितने इनोसेंट हो तुम, बुद्धू सौ परसेंट हो तुम।


कच्चे हो लव नॉलेज में, क्या पढ़ते हो कॉलेज में।
हँस दी मैना यू नौटी, तोते को च्योंटी काटी।


भावों का बिल कैश किया, छोटा सा दिल पेश किया।
लव के सपने सच कर दो, मेरे दिल को टच कर दो।


आसमान के स्टार हो तुम, मेरे दिल के पार हो तुम।
मैरिज लाईसेन्स हो तुम, लाइफ इंश्योरेंस हो तुम।


मेरे दिल में टॉप हो तुम, डीयर लौलीपॉप हो तुम।
में हूँ व्हिस्की तुम हो रम, तोता बोला सुन्दरतम।


मैना कुछ आगे सरकी, तोते की बाहें फड़की। 
पाँखों से टच पाँख हुई, सभी इन्द्रियाँ आँख हुईं।


तोता मन में फूल गया, हिंदी पढना भूल गया।
तोता बोला यू लवली, सुन्दरता की एक कली।


दिल पर चलती ट्रेन हो तुम, मीठा मीठा पेन हो तुम।
ब्यूटी में भी बीट हो तुम, आय हाय कितनी स्वीट हो तुम।


मैं दिल्ली का तोता हूँ, कनाट प्लेस में रोता हूँ।
तुम हो परिस की बुलबुल, मैना बोली वंडरफुल।


हिंदी इंग्लिश एक हुए, जब दो पंजे शेक हुए।
हिंदी जब अंग्रेज़ हुई, दिल की धड़कन तेज हुई।


कल्चर देकर कर्ज़े में, बैठ विदेशी दर्जे में।
वे दो आँसू लूट गए, भाग देश के फूट गए।


आओ हम सब ध्यान करें, मिल कर यह गुणगान करें।
आई लव यू एंड यू लव मी, या मैं लव तू एंड तू लव मी।

इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं-ओम प्रकाश 'आदित्य'

इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं
जिधर देखता हूं, गधे ही गधे हैं

गधे हँस रहे, आदमी रो रहा है
हिन्दोस्तां में ये क्या हो रहा है

जवानी का आलम गधों के लिये है
ये रसिया, ये बालम गधों के लिये है

ये दिल्ली, ये पालम गधों के लिये है
ये संसार सालम गधों के लिये है

पिलाए जा साकी, पिलाए जा डट के
तू विहस्की के मटके पै मटके पै मटके

मैं दुनियां को अब भूलना चाहता हूं
गधों की तरह झूमना चाहता हूं

घोडों को मिलती नहीं घास देखो
गधे खा रहे हैं च्यवनप्राश देखो

यहाँ आदमी की कहाँ कब बनी है
ये दुनियां गधों के लिये ही बनी है

जो गलियों में डोले वो कच्चा गधा है
जो कोठे पे बोले वो सच्चा गधा है

जो खेतों में दीखे वो फसली गधा है
जो माइक पे चीखे वो असली गधा है

मैं क्या बक गया हूं, ये क्या कह गया हूं
नशे की पिनक में कहां बह गया हूं

मुझे माफ करना मैं भटका हुआ था
वो ठर्रा था, भीतर जो अटका हुआ था