मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Showing posts with label राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. Show all posts
Showing posts with label राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. Show all posts

Saturday, 25 April 2015

“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-हम करें राष्ट आराधना

                                   हम करें राष्ट्र-आराधन, हम करें राष्ट्र-आराधन, 
तन से, मन से, धन से, तन-मन-धन जीवन से 
हम करें राष्ट्र आराधन।। 

अंतर से मुख से कृति से, निश्चल हो निर्मल मति से, 
श्रद्धा से मस्तक नत से, हम करें राष्ट्र अभिवादन।। 1।। 

अपने हँसते शैशव से, अपने खिलते यौवन से, 
प्रौढ़तापूर्ण जीवन से, हम करें राष्ट्र का अर्चन।। 2।। 

अपने अतीत को पढ़करअपना इतिहास उलटकर, 
अपना भवितव्य समझकर, हम करें राष्ट्र का चिंतन।। 3।। 

हमने ही उसे दिया थासांस्कृतिक उच्च सिंहासन, 
माँ जिस पर बैठी सुख से, करती थी जग का शासन, 
अब कालचक्र की गति से, वह टूट गया सिंहासन 
अपना तन-मन-धन देकर हम करें पुनः संस्थापन।। 4।।