मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Thursday, 23 April 2015

अटल बिहारी वाजपेयी-मैंने जन्म नहीं मांगा था!

मैंने जन्म नहीं मांगा था, 
किन्तु मरण की मांग करुँगा। 

जाने कितनी बार जिया हूँ, 
जाने कितनी बार मरा हूँ। 
जन्म मरण के फेरे से मैं, 
इतना पहले नहीं डरा हूँ। 

अन्तहीन अंधियार ज्योति की, 
कब तक और तलाश करूँगा। 
मैंने जन्म नहीं माँगा था, 
किन्तु मरण की मांग करूँगा। 

बचपन, यौवन और बुढ़ापा, 
कुछ दशकों में ख़त्म कहानी। 
फिर-फिर जीना, फिर-फिर मरना, 
यह मजबूरी या मनमानी? 

पूर्व जन्म के पूर्व बसी— 
दुनिया का द्वारचार करूँगा। 
मैंने जन्म नहीं मांगा था, 
किन्तु मरण की मांग करूँगा।

No comments:

Post a Comment