मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Friday, 17 April 2015

हालात-सुवर्ण राजन

अच्छे हैं बुरे हैं , हालात आदमी के
दिन रात पड़े पीछे , हालात आदमी के

मिटटी से जो बना है , मिटटी में मिल जाएगा
हवा में उड़ते फिरेंगे , जर्रात आदमी के

रुखसत हुए तो जाना सब काम थे अधूरे
क्या क्या करे जहाँ में , दो हाथ आदमी के



सौजन्य


सुवर्ण राजन, अधिवक्ता

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