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Thursday, 16 April 2015

अशफाक की आखिरी रात-अग्निवेश शुक्ल

जाऊँगा खाली हाथ मगर,यह दर्द साथ ही जायेगा;
जाने किस दिन हिन्दोस्तान,आजाद वतन कहलायेगा।
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं, फिर आऊँगा-फिर आऊँगा;
ले नया जन्म ऐ भारत माँ! तुझको आजाद कराऊँगा।।
जी करता है मैं भी कह दूँ, पर मजहब से बँध जाता हूँ;
मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कह पाता हूँ।
हाँ, खुदा अगर मिल गया कहीं, अपनी झोली फैला दूँगा;
औ' जन्नत के बदले उससे, यक नया जन्म ही माँगूँगा।

अग्निवेश शुक्ल

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