मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Wednesday, 6 May 2015

अपनी माँ की किस्मत पर मेरे बेटे तू मत रो-प्रदीप

अपनी माँ की किस्मत पर मेरे बेटे तू मत रो 
मैं तो काँटों में जी लुंगी जा तू फूलों पर सो 
अपनी माँ की किस्मत पर

तू ही मेरे दिन का सूरज तू मेरी रात का चंदा 
एक दिन तो देगा तू ही मेरे अंत समय में कन्धा 
मेरा देख के उजड़ा जीवन तू आज दुखी मत हो 
मैं तो काँटों में जी लुंगी जा तू फूलों पर सो 
अपनी माँ की किस्मत पर

हसने के ये दिन हैं तेरे रोने से तेरा क्या नाता 
रोने के लिए तो बेटा जनी है जगत में माता 
मेरे लाल ये आंसू देदे अपनी दुखिया माँ को 
मैं तो काँटों में जी लुंगी जा तू फूलों पर सो 
अपनी माँ की किस्मत पर

No comments:

Post a Comment