में भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले
तन्हाई हूं हर उस खत की, जो पढा गया है बिन खोले
हर आंसू को हर पत्थर तक पहुंचाने की लाचार हूक,
में सहज अर्थ उन शब्दों का जो सुने गये हैं बिन बोले
जो कभी नहीं बरसा खुलकर हर उस बादल का पानी हूं
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की रामकहानी हूं
जिनके सपनों के ताजमहल, बनने से पहले टूट गये
जिन हाथों में दो हाथ कभी आने से पहले छूट गये
धरती पर जिनके खोने और पाने की अजब कहानी है
किस्मत की देवी मान गयी पर प्रणय देवता रूठ गये
मैं मैली चादर वाले उस कबिरा की अम़तवाणी हूं
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की रामकहानी हूं
कुछ कहते हैं में सीखा हूं अपने जख्मों को खुद सींकर
कुछ जान गये में हंसता हूं भीतर भीतर आंसू पीकर
कुछ कहते हैं में हूं बिरोध से उपजी एक खुददार विजय
कुछ कहते में रचता हूं खुद में मरकर खुद में जीकर
लेकिन हर चतुराई की सोची समझी नादानी हूं
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की रामकहानी हूं
मैं भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले
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