मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Wednesday, 6 May 2015

कितने लोग-भारत यायावर

उठते-बैठते
चलते-फिरते
गिरते-पड़ते
खाँसते-हाँफते
कितने लोग ! कितने लोग ! कितने लोग !

हवा में थमे हुए
धरती पर झुके हुए
ख़ामोश और रुँधे हुए
फटेहाल और बिके हुए
कितने लोग ! कितने लोग ! कितने लोग !

भूख से बिलखते हुए
मार से तड़पते हुए
प्यार से बिखरते हुए
कितने लोग ! कितने लोग ! कितने लोग !

सदियों से खड़े हुए
आज भी हैं पड़े हुए
कीचड़ में धँसे हुए
झाड़ियों में फँसे हुए
ज़िन्दा, पर मरे हुए
कितने लोग ! कितने लोग ! कितने लोग !

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