मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Thursday, 11 June 2015

खुदा-ए-नज़र-बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

चढ़ते है जो शिखर पे
करते हुए चालाकियां,
देखा है उनको अक्सर
खुदा-ए-नज़र में गिरे हुए।

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन

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