मुश्किलें तमाम हैं मगर ठहरा नही हूँ मैं,
मंज़िलों से ज़रा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं;
कदमों को न बाँध पायेगीं मुसीबतों की जंजीरें,
रास्तों से ज़रा कह दो अभी भटका नहीं हूँ मैं;
दिल में छुपा के रखी हैं, लड़कपन की चाहतें,
दोस्तों से ज़रा कह दो अभी बदला नही हूँ मैं;
साथ चलता है दुआओं का काफ़िला,
किस्मत से ज़रा कह दो, अभी तनहा नही हूँ मैं।
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