अब राम और रहमान लिखा जाये।
क्यूँ ना अल्लाह और भगवान लिखा जाये॥
कर रखा ख़ुद को हिन्दू मुस्लिम हमने,
एक हो कर चलो इंसान लिखा जाये॥
अब मिटा दें नफ़रतों की सब कहानियाँ,
मुहब्बतों का फिर हिन्दुस्तान लिखा जाये॥
तीर और तलवार की बातें बहुत हुईं,
गले मिलकर भाई को जान लिखा जाये॥
जलाएँ एकता के दीप दिलों में हम,
फिर से भारत महान लिखा जाये॥
चलो नफ़रत का मुंह काला कर दें,
साथ बैठ गीता और कुरान लिखा जाये॥॥
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