मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Tuesday, 21 February 2017

इंसान की तरह-बेनाम कोहड़ा बाज़ारी

पूरा समंदर के माफिक, न खाली आसमान की तरह,
"बेनाम" जिए  तो क्या जिए  ,महज एक इंसान की तरह।

         बेनाम कोहड़ा बाज़ारी
         उर्फ़
         अजय अमिताभ सुमन

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