किससे सीखूँ खुदा की बंदगी,सब लोग खुदा का बंटवारा किये बैठे हैं
जो लोग कहते हैं खुदा कण कण में है,वही मंदिर,मस्जिद, गुरूद्वारा लिये बैठे हैं
मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.
Wednesday, 21 June 2017
किससे सीखूँ खुदा की बंदगी,सब लोग खुदा का बंटवारा किये बैठे हैं
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