मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Sunday, 26 April 2015

बेनाम कोहडाबाजारी-सवालात

यहाँ कत्ल नही देखते , देखे जाते इरादे।
कानून की किताबों के , अल्फाज ही कुछ ऐसे हैं ।

बेखौफ घुमती है , कातिल तो मैं भी क्या करुँ ।
अदालत की जुबानी , बयानात ही कुछ ऐसे हैं ।

हर तारीख दर तारीख पे , देते हैं तारीख बस।
इंसाफ के रखवालों के , सौगात हीं कुछ ऐसे हैं ।

हम आह भी भरते है , तो ठोकती है जुरमाना।
इस देश की कानून के , खैरात ही कुछ ऐसे है।

फाइलों पे धुल पड़ी , चाटती हैं दीमक ।
कानून के रखवालों के , तहकीकात ही कुछ ऐसे है।

उछालते हैं शौक से , हर एक के जनाजे को ।
शहर के रखवालों के , जज्बात ही कुछ ऐसे हैं ।

आते हैं फैसले फरियादी की मौत के बाद ।
की फैसलेदारों के , इन्साफ ही कुछ ऐसे हैं ।

फरियाद अपनी लेके , बेनाम अब जाए किधर ।
अल्लाह भी बेजुबां है , सवालात हीं कुछ ऐसे हैं ।


बेनाम कोहडाबाजारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन

No comments:

Post a Comment