मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Saturday, 25 April 2015

कवि जीरो-ईश्वर की खोज

जैसे सूरज में बसे, जग के सभी प्रकाश,

ईश्वर के अन्दर बसे, सब धर्ती, आकाश.

सब धर्ती, आकाश, उन्हें विवेक से जाना,

जिसने उन्हें बनाया, उसे नहीं पहचाना.

कह ज़ीरो कविराय, बुद्धि से ईश्वर पाना,

जैसे दीपक से सूरज की खोज कराना.

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