मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Sunday, 3 May 2015

चूहे तुमको नमस्कार है-जैमिनी हरियाणवी



चुके नहीं इतना उधार है

महँगाई की अलग मार है

तुम पर बैठे हैं गणेश जी

हम पर तो कर्जा सवार है, चूहे तुमको नमस्कार है।

भक्त जनों की भीड़ लगी है

खाने की क्या तुम्हें कमी है

कोई देवे लड्डू, पेड़े

भेंट करे कोई अनार है, चूहे तुमको नमस्कार है।

परेशान जो मुझको करती

पत्नी केवल तुमसे डरती

तुम्हें देखकर हे चूहे जी

चढ़ जाता उसको बुखार है, चूहे तुमको नमस्कार है।

आफिस-वर्क एकदम निल है

फिर भी ओवरटाइम बिल है

बिल में घुसकर पोल खोल दो

सोमवार भी रविवार है, चूहे तुमको नमस्कार है।

कुर्सी है नेता का वाहन

जिस पर बैठ करे वह शासन

वहाँ भीड़ है तुमसे ज्यादा

कह कुर्सी का चमत्कार है, चूहे तुमको नमस्कार है।

राजनीति ने जाल बिछाए

मानव उसमें फंसता जाए

मानवता तो नष्ट हो रही

पशुता में आया निखार है, चूहे तुमको नमस्कार है।

No comments:

Post a Comment