मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Saturday, 16 May 2015

आदमी वाले आंसू

एक आदमी
सो सकता है,
जब
नींद नहीं आती।

एक आदमी
खा सकता है ,
जब
क्षुधा नहीं सताती।

जानवर
उकसाने पर
गुर्राते हैं ,
आदमी गुर्राने को
उकसाता है।

जानवरों के
मौसम होते है
प्यार करने को,
आदमी को
मौसम बेमौसम
प्यार का भुत
सताता है।

और

आदमी की आँखों से
झर सकते है
घड़ियाली आसूँ
पर घड़ियालों से
नहीं आ सकते
आदमी वाले आंसू


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