मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अपनी पसंदीदा कविताओं,कहानियों, को दुनिया के सामने लाने के लिए कर रहा हूँ. मैं इस ब्लॉग का इस्तेमाल अव्यावसायिक रूप से कर रहा हूँ.मैं कोशिश करता हूँ कि केवल उन्ही रचनाओं को सामने लाऊँ जो पब्लिक डोमेन में फ्री ऑफ़ कॉस्ट अवेलेबल है . यदि किसी का कॉपीराइट इशू है तो मेरे ईमेल ajayamitabhsuman@gmail.comपर बताए . मैं उन रचनाओं को हटा दूंगा. मेरा उद्देश्य अच्छी कविताओं,कहानियों, को एक जगह लाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है.


Saturday, 16 May 2015

खर्चाने के रास्ते-बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

बचपन में बाजार मैं जाता था पैदल,
और स्कूल में चलाने लगा था साइकल।

कॉलेज में पड़ गई आदत मुझको बाइक की,
और जॉबशुदा होने पे कार अपने चवाएस की।

तब यात्रा करने के लिए ए.सी. ट्रेन भी ठीक थी,
अब प्लेन की इकॉनमी भी लगती है भीख सी।

जब भी चार्टड प्लेन का ख्याल मन में आता है,
मेरी दुखती रग को सच में बहुत सताता है।

पैसे की भूख बड़ी , पैसे की प्यास बड़ी,
त्यों त्यों ये आग बढ़ी ,ज्यों ज्यों ये उम्र बढ़ी ।

"बेनाम" पैसा जब भी आया तो पास आते,
बताते गया खुद के खर्चाने के रास्ते।

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन

No comments:

Post a Comment