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Monday, 12 September 2016

भिक्षाटन-बेनाम कोहड़ा बाज़ारी

प्रेमी की याचना
प्रेमिका से,
प्रेम की।

प्रेमिका की याचना
प्रेमी से,
प्रेम की।

पिता का पुत्र से,
पुत्र का पिता से।

पति का पत्नी से,
पत्नी का पति से।

मित्र की याचना मित्र से
प्रेम की,
पुरुष की याचना स्त्री से
प्रेम की।

प्रेमी भी याचक
प्रेमिका भी याचक,
पिता भी याचक
पुत्र भी याचक,
माता भी याचक
मित्र भी याचक,
स्त्री भी याचक
पुरुष भी याचक,
प्रेम के।

सबमें प्रभाव प्रेम का,
सबमें अभाव प्रेम का।

एक अभाव  याचक,
पर दूजा वाचक।

और
ये सृष्टि क्या?


भिक्षाटन।





अजय अमिताभ सुमन
उर्फ़
बेनाम कोहरबाज़ारी


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